यदि मैं पक्षी होती

यदि मैं पक्षी होती ,
तो दूर दूर तक उड़ती रहती
कभी भी निचे न आती,
बस दाना चुगने आती l

ऊंचा ऊंचा उड़ती रहती,
रोके भी न रुकती
कोई मुझे बुलाता ,
तो भी मैं न सुनती l

कभी मैं सहेलियों के साथ
पकड़ा पकड़ी खेलती,
कभी कभी तो बादलों में,
खेलती लुका-छिपी l

चूंचूं करती मैं पक्षी
सबको मोहित करती,
सबका दिल जीत जाती
यदि मैं पक्षी होती l

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One Comment on “यदि मैं पक्षी होती”

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